नई दिल्ली: देशभर के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी चिंता की खबर है। केंद्र सरकार ने एलपीजी (रसोई गैस) सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। यह वृद्धि सभी उपभोक्ताओं—डोमेस्टिक, कमर्शियल और नॉन-सब्सिडाइज्ड यूजर्स—पर लागू होगी। सूत्रों के मुताबिक, यह नया रेट आज (1 जुलाई) से प्रभावी हो चुका है।
क्या होगा नई कीमत?
“उज्ज्वला योजना वाले उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलो एलपीजी सिलेंडर की कीमत 500 से बढ़कर 550 रुपये होगी, जबकि गैर-उज्ज्वला उपभोक्ताओं को अब 803 के बजाय 853 रुपये देने होंगे,” पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया।
क्यों बढ़ी कीमत?
सरकार ने इसकी कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रुपये के मूल्य में गिरावट इसकी प्रमुख वजह हो सकती है। पिछले कुछ महीनों में एलपीजी की कीमतें लगातार अस्थिर रही हैं।
आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा?
मध्यमवर्गीय और निम्न आय वाले परिवारों के लिए यह बढ़ोतरी एक बड़ा झटका है। पहले से ही महंगाई से जूझ रहे घरों में अब रसोई गैस का खर्च भी बढ़ जाएगा। ग्रामीण इलाकों में, जहां अभी भी कई परिवार सब्सिडी वाले सिलेंडर पर निर्भर हैं, इसका सीधा असर पड़ेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने सरकार पर जनविरोधी कदम उठाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “मोदी सरकार की नीतियों ने गैस और रोटी को भी महंगा कर दिया है।” वहीं, सरकार का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियों के कारण ऐसे फैसले लेने को मजबूर है।
क्या करें उपभोक्ता?
- सब्सिडी का लाभ लेने के लिए PAHAL योजना में अपना नाम रजिस्टर कराएं।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से जुड़कर सही सब्सिडी पाने की पुष्टि करें।
- गैस एजेंसियों से नई दरों की जानकारी लें, क्योंकि राज्यवार थोड़ा अंतर हो सकता है।
निष्कर्ष:
यह कीमत वृद्धि घरेलू बजट को प्रभावित करेगी, खासकर उन परिवारों को जो पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर बहस तेज होने की संभावना है, लेकिन फिलहाल उपभोक्ताओं को बढ़े हुए खर्चे के साथ तालमेल बिठाना होगा।